प्रश्न 1. बदलाव का क्या अर्थ है और ये कब आएगा?
जब जातीवादी, भाषावादी और क्षेत्रवादी राजनिती का पतन होगा, जब लोग सतयुग और राम राज्य लेन वालो कि बातो पर यकीन करना बंद कर इसी तत्र में रहेते हुए व्यवस्था-सुधर के लिय आगे आएँगे, जब आज का युवा आम-आदमी अपनी हक कि लड़ाई लड़ने के लिए व्यवस्था में परवेश करेगा, जब पूरा भारत अखंड होगा! ये ही हमारा लक्ष्य है, जब 10 पागल भी वयस्था में परवेश कर गए तो वह बेठे बाकि के 535 हरामखोरो पर भारी पड़ेगे! वो ही दिन होगा बदलाव का......खाली इन रेलियो और अन्दोलोनो से कुछ नहीं होगा !
प्रश्न 2. कहाँ से और कैसे शुरुवात होगी इस बदलाव कि?
इस बदलाव कि शुरुवात हमे अपने आप से करनी पड़ेगी! क्योंकि बोहोत सारी समस्या हमारी आदतों के कारण ही उत्पन होती है जिससे हम सब विचलित है! इन समस्याओ के समाधान के लिए हमे आगे बदना तो होगा ही! आन्दोलन, धरना प्रदर्शन व उपवास के साथ ही कुछ चीजें इसी है, जिसे हमे अपने से प्रारम्भ करना होगा! फिर हम देखेंगे बहुत सी समस्याएँ अपने आप समाप्त होने लगेंगी!
जैसे:-
- क्या आप क़ानूनी कार्य वही कि परवाह किये बिना किसी अंजान दुर्घटना घ्रस्त कि मदद करेगें?
- यदि कोई शक्ति-शाली व्यक्ति, पूंजीपति, बदमाश व अधिकारी आपके सामने किसी महिला या कमजोर के साथ गलत करे तो क्या आप मदद के लिए आगे आयेगे?
- क्या आप किसी भी संदिग्ध व्यक्ति व अपराधिक घटना कि जानकारी निडर होके तुरंत नजदीकि पोलिसे थाने में देगें?
- क्या आप घर कि जिम्मेवारी के साथ-साथ देश कि जिम्मेवारी को भी अपना कर्तव्य समझेगे?
- क्या आप अपने कार्य को भ्रष्ट तरीके से न कराने का संकल्प लेगें?
- क्या आप स्वयं कि निगरानी करना प्रारम्भ करेगें कि 24 घण्टे में आप कितना और किन-किन प्रकार से प्रदूषण फैलाते है और आप स्वयं इसे कितना काम करेगें?
- क्या आप फलदार व अन्य ऐसे वृक्षों को लगायेगें जो कि पर्यावरण को स्वच्छ करते है?
- क्या आप जीवाश्म ईधन व अन्य प्रकार की उर्जा की खपत काम करेगें?
- क्या आप ग्रामोधोग अर्थात ग्रामीण उत्पादों को अपनाएगें?
- क्या आप वर्षो से अपने गावं नहीं गये है? तो यदा-कदा ही सही अपने गांव जाके गांव के विकास के सही विकास में भागीदार बनेगें?
- क्या आप अपने गांव के चुने हुए प्रतिनधियों का मनमाना रोकने के लिए "ग्राम-सभा" को प्रभावी बनाने की दिशा में साकारात्मक कदम उठायेगें?
- यदि आप किसान है, तो क्या आप रासायनिक खाद व घातक कीटनाशकों के बिना प्रयोग के प्राकृतिक व निरोगी खेती प्रारम्भ करेगें?
- क्या आप अंग्रेजी के स्थान पर भारतीय भाषा को वरीयता प्रदान करेगें?
यदि आपका जवाब "हाँ" है तो आज से शुरुवात होती है बदलाव की
"अब हम सब साथ-साथ चलेंगे भारत का विकास करेंगे"
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